Sunday, April 19, 2009

Mint Tea

आज मैंने चाय पी।
तुम्हारे लिए इस वाक्य का कोई अर्थ नहीं हो सकता। शायद तुम कहो कि इसमें ऐसी कोई नई बात नहीं है। चाय हीतो पी है। सभी लोग चाय पीते है। लेकिन, मेरे लिए अलग बात है। ऐसे समय जब खूब गर्मी हो, मैं चाय नहीं पीताहूँ। मेरी पत्नी को यह अच्छी तरह मालूम है, फिर भी वो चाय बनाकर लाई। शायद मुझे नाराज़ करने के लिए। मुझेमालूम है इसमें शक्कर ज्यादा होगी, क्योंकि वो बहुत मीठी चाय पीती है। इसमें दूध भी ज्यादा होगा, क्योंकि उसेपतली पानी जैसी चाय पसंद नहीं है। मैं हमेशा कहता हूँ, "इस से तो अच्छा हैं कि दूध ही पिया करो" "दूध पीउंगीतो मोटी हो जाऊंगी" उसका ये तर्क मुझे समझ में नहीं आता। और हर बार CST या चर्च-गेट रेलवे स्टेशन कीवजन तौलने वाली मशीन पर वो चढ़ती हैं तो पिछली बार से - किलो वजन ज्यादा ही निकलता हैं।

मैं सिर्फ़ सुबह उठकर दिन में एक बार ही चाय पीता हूँ, कारण, गर्म चाय से मेरा पेट साफ़ हो जाता है। ये उसे अच्छीतरह मालूम है, ये सुबह कि चाय मेरे लिए दवाई का काम करती है। फिर भी वो भरी दोपहर में बजे चाय बनाकरलाई - और मेरे सामने कप रखते हुए बोली "लो चाय पी लो" उसे ट्रे में कप प्लेट में चाय लाते देख ही ऐसी गर्मी मेंमेरा गुस्सा ज्वालामुखी कि तरह धधकने लगा और सोचा कि आज तो कप को पाँचवी मंजिल से नीचे सड़क परफैंक ही दूँगा। लेकिन, कप रखते ही उसने जो कहा कि "ये आपके लाड़ले बेटे की वधु ने बंगलुरु से आपके लिएस्पेशल "मिन्ट-टी" भेजी हैं और मैंने भी बिना दूध-शक्कर के बनाई हैं" सुनते ही मेरा गुस्सा ऐसा ठंडा हुआ जैसेउफनता दूध पानी छींटने से नीचे बैठ जाता है। चाय वाकई टेस्टी थी। पर पता नहीं ये अपने-पन का स्वाद था यामिन्ट-टी" का, मेरे चेहरे पर आत्म-संतुष्टि कि झलक देख कर मेरी पत्नी नही समझ पाई और ना मैं ही।
रेडियो पर गाना बज रहा था - "इसी लिए मम्मी ने मेरी तुम्हे चाय पे बुलाया है"

ना दी
२०-०४-०९
"

1 comment:

  1. its one of the nice piece of literature i have red mixed with all emotions like fear, anger, confusion and happiness. Very good piece of work Mamaji.
    - Darshan Shaha, BITS-Pilani.

    ReplyDelete

Print